28 मार्च 2025 की दोपहर को म्यांमार, बैंकॉक और थाईलैंड की धरती भूकंप के झटकों से कांप उठी। भूकंप की तीव्रता कुछ स्थानों पर 7.7 तथा अन्य स्थानों पर 8.2 मापी गई। इस भयानक प्राकृतिक आपदा के कारण कई इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं, सड़कों में दरारें आ गईं और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इस विनाशकारी भूकंप में सैकड़ों लोगों की जान चली गई और कई अभी भी लापता हैं। यातायात पूरी तरह ठप्प हो गया, उड़ानें रद्द कर दी गईं और चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
भूकंप का असर और भयावह दृश्य
#earthquake fri day (28/03/25)
थाईलैंड में भूकंप के जोरदार झटकों ने मेट्रो हिला डाली लोग भी खुद को गिरने से रोकते दिखे.#earthquakeinthailand #earthquakebangkok pic.twitter.com/B5o94CmHdy
— Anjali Mishra (@Anjalimishra879) March 28, 2025
म्यांमार, बैंकॉक और थाईलैंड में भी यही स्थिति थी। सोशल मीडिया पर भूकंप के कई डरावने वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिन्हें देखकर हर किसी का दिल दहल जाएगा। प्रत्यक्षदर्शियों ने इस भयावह मंजर को अपनी आंखों से देखने की आपबीती भी साझा की।
प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही
रविंदर जैन ने बताई अपनी आपबीती म्यांमार में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिक रविंदर जैन ने बताया कि जब भूकंप आया, तो वह चौथी मंजिल पर थे। अचानक पूरी इमारत हिलने लगी और चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। लोग घबराहट में नीचे भागने लगे, लेकिन कोई नहीं समझ पा रहा था कि हो क्या रहा है।
लोगों पर गिरने लगे पत्थर बैंकॉक में रहने वाली सिरिन्या नाकुता नामक महिला ने बीबीसी को बताया कि जब भूकंप के तेज झटके आए, तब वह अपने बच्चों के साथ घर पर थीं। जैसे ही वह अपने बच्चों के साथ बाहर निकलने लगीं, एक बड़ा पत्थर उनके सिर पर आकर गिरा। इससे उनके सिर में गंभीर चोट आई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
इमारतें और टावर ब्लॉक हुए ध्वस्त
थाईलैंड के उप पुलिस प्रमुख वोरापट सुकथाई ने कहा कि इस शक्तिशाली भूकंप के कारण एक टावर ब्लॉक पूरी तरह ध्वस्त हो गया। इससे लोगों में भगदड़ मच गई और वे चिल्लाने लगे।
एयरपोर्ट और मेट्रो पर भी असर
भूकंप की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इमारतें रेत के ढेर की तरह ढह गईं। हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी का माहौल था। जब उड़ानें रद्द कर दी गईं, तो लोग वहां बैठकर अपनी जान बचाने की कोशिश करने लगे। स्टेशन पर खड़ी मेट्रो ऐसे हिल रही थी जैसे कोई छोटा खिलौना हो। स्थिति ऐसी थी कि कोई भी बच नहीं सकता था क्योंकि धरती बहुत तेजी से हिल रही थी और लोग गिर रहे थे।
बचाव अभियान और सरकार की प्रतिक्रिया
सरकारों ने राहत और बचाव कार्यों को तुरंत शुरू कर दिया है। सेना, पुलिस और राहत दल मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए जुट गए हैं। अस्पतालों में घायलों के इलाज के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी प्रभावित देशों को मदद की पेशकश की है। हालांकि, भूकंप से हुई भारी तबाही के कारण हालात को सामान्य करने में काफी समय लग सकता है।
निष्कर्ष
इस भूकंप ने यह साबित कर दिया कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने इंसान कितना असहाय हो सकता है। म्यांमार, बैंकॉक और थाईलैंड में तबाही का जो मंजर देखने को मिला, वह किसी के लिए भी भुलाना आसान नहीं होगा। सरकारें बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, लेकिन यह आपदा एक बड़ा सबक है कि हमें भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए पहले से तैयार रहना होगा।